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    गाजर से कीजिये बच्चों की कमजोरी का इलाज़

    Treat children's weakness with carrots


     गाजर से कीजिये बच्चों की कमजोरी का इलाज़ 

    कमजोर दिमाग- यदि प्रात सात दाने गिरी बादाम पाकर कपर से सवा-सौ ग्राम गाजर का रस प्राधा किलो गाए के दूध में मिला कर पियें तो दिमाग को बल मिलता है।

    प्राधे सिर का दर्द- गाजर के पत्ते गर्म करके रस निकालें और इसकी कुछ वू दें नाक और कान मे डालें, इससे छीके पाकर श्राधे सिर के __ दर्द को आराम होता है।

    सीने का दर्द- गाजरो को आंच पर पकाए और उनका रस निचोड कर मधु मिलाकर पिलाए तो इससे सीने का दर्द दूर हो जाता है।

    बलगमी खांसी-गाजर के रस में मिश्री मिला कर पकाए और जब चटनी-मी बन जाए तो इसमे थोडा चूर्ण काली मिर्च मिलाए। इस चटनी के उपयोग से खाँसी को लाभ होता है, वलगम सुगमता से निकलती है।

    पथरी- गाजर के वीज तथा शलजम के बीज बगवर वजन लेकर मूली को भीतर से खोखन्ना करके इसमे भर दें। फिर मूली का मुह वन्द करके भूभल मे पकाए । जब भुर्ता हो जाए तो वीज निकाल कर सुश्क कर लें।

    गरण-धर्म-ये बीज बन्द मूत्र को खोलते हैं, पथरी को गला कर निकाल देते हैं । आठ से बारह ग्राम तक उपयोग करते रहे।

    मासिक धर्म-गाजर के वीज पन्द्रह ग्राम कट कर पानी मे उबालें और माफ करके सुखं शक्कर पचास ग्राम मिलाकर मासिक धर्म के दिनो में उपयोग कराते रहे । कोई कष्ट न होगा ।

    पौरुष बल के लिए बढिया गाजरें लेकर ऊपर से छील लें और अन्दर से गुठली निकाल कर इन्हे कदूकश करें। अब इन एक किलो कद्दूकश गाजरो को गाए के एक किलो दूध मे पकाए। जब अच्छी प्रकार गल जाएं और दूध मूख जाए तो उतार लें। तत्पश्चात् कड़ाही में चार-सौ ग्राम.घी डालकर इन गाजरों को इतना भूनें कि वे अच्छी तरह लाल हो जाए। इसमे प्राधा किलो मिथी डालने के पश्चात् निम्नलिखित सामग्री शामिल करें

    गिरी वादाम सत्तर ग्राम, गिरी पिस्ता तीस ग्राम, गिरी खरोंजी तीस ग्राम, गिरी अखरोट तीस ग्राम, गिरी चिलगोजा तीस ग्राम तथा नारियल सत्तर ग्राम ।

    गुण-धर्म-वीर्य वढाता है, पौरुष-वल प्रदान करता है । सत्तर से सौ ग्राम तक चांदी के वर्क में लपेट कर सेवन करें।

    बच्चों की कमजोरी-जिन बच्चो की कमजोरी का कारण ज्ञात न  हो सके उन्हें गाजर का रस एक चम्मच से लेकर तीन चम्मच तक बरावर मात्रा गर्म पानी मिलाकर दिन मे दो-तीन बार पिलाना चाहिए। साथ ही ऐसे बच्चे की मा भी गाजर खाए या इसका रस पिए, इससे थोडे समय मे मां तथा बच्चे का स्वास्थ्य भरसक उन्नत होगा।

    गाजर का रस स्वस्थ बच्चो को भी पिलाया जाए तो उनका स्वास्थ्य दूसरे बच्चो की अपेक्षा उत्तम होगा।

    पेट के कीड़े-आधा किलो गाजरो का रस प्रतिदिन पीने से पेट के कीडे खारिज हो जाते हैं। यही लाभ प्रात खाली पेट गाजर खाने से प्राप्त किया जा सकता है। जो लोग यह समझते हों कि गाजर उन्हे हजम नहीं होगी वे रस पी लिया करें।

    मसूढों के लिए-यदि कच्ची गाजर का मत्तर ग्राम रस प्रतिदिन पीया जाए तो मसूढे और दातो के रोग प्रासानी से पैदा न होगे, खून साफ रहेगा, फोडे-कुन्सी और खारिश न होगी । दिल व दिमाग और शरीर के अन्य भाग अच्छी हालत मे रहेगे और अपना काम कुशलतापूर्वक करते रहेगे।

    हृदय रोग- कुछ गाजरें भून कर उनके ऊपर का छिलका और गुठली निकाल दें और रात्रि ममय चीनी की प्लेट में रख कर अोस मे रख दें। प्रात इसमे थोडा गुलाव और मिश्री मिला कर खाए तो अत्यन्त गुण-कारी है।

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