अनार से बनायें भूख बढाने वाला शर्वत
अनार से बनायें भूख बढाने वाला शर्वत नेत्र-खुजली- अनार के दानो के रस को तावे की कटोरी में डालकर आँच पर पकाएँ, गाढा होने पर जस्त के डिब्बे म...
अनार से बनायें भूख बढाने वाला शर्वत नेत्र-खुजली- अनार के दानो के रस को तावे की कटोरी में डालकर आँच पर पकाएँ, गाढा होने पर जस्त के डिब्बे म...
अनार के छिलके से कीजिये स्वप्न दोष का इलाज़ नेत्र-रोग -अनार का छिलका वीम नीम फटकार दो किलो पानी मिला कर तांबे के बर्तन मे गर्म करें। पानी चौ...
मूली से विषैले डंक बिच्छू काटे का इलाज़ पीलिया- मूली के हरे पत्तो और टहनियो के सवा-सौ ग्राम रस में तीस ग्राम शक्कर मिलाकर प्रात. सेवन करें,...
अमरत्व से श्रेष्ठ सदाचार बलाधि ऋषि के नवजात शिशु की मृत्यु हो गई। उससे वे बहुत व्याकुल हो उठे। उन्होंने देवराज की उपासना कर एक अमर पुत्र प्...
गाजर से कीजिये बच्चों की कमजोरी का इलाज़ कमजोर दिमाग- यदि प्रात सात दाने गिरी बादाम पाकर कपर से सवा-सौ ग्राम गाजर का रस प्राधा किलो गाए के...
जामुन से कीजिये मधुमेह और लिकोरिया की घरेलु चिकित्सा लोग जामुन खाते हैं और गुठलियां वेकार समझकर फेंक देते हैं, हालाकि जामुन की गुठलियां बेक...
तरबूज से बवासीर का अनुभूत व चमत्कारी इलाज़ सिर-दर्द -सिर-दर्द कई प्रकार का होता है। ऐसे सिर-दर्द के लिये जो गर्मी के कारण हो, नीचे लिखे टो...
नारंगी से कीजिये भूख न लगने की समस्या का इलाज़ नजला और जुकाम- खूब पकी हुई नारगी का चौथाई किलो रस धीमी आच पर रखे और 170 फारेनहाइट तक गर्म ...
अतिथि देवो भव शकंभर राज्य का मौरका गाँव, दस्युओं और अपराधियों का गढ़ समझा जाता था। अपने प्राचीन इतिहास में इस गाँव ने हत्या, डाकेजनी, छीना-...
अंधविश्वास की जड़ एक थे बड़े सज्जन व्यक्ति ! नाम था सजनप्रसाद। सज्जन और सदाचारी भी थे और ईश्वर भक्त भी, किंतु धर्म का कोई विज्ञानसम्मत स्वरू...
नींबू से कीजिये श्वास की दुर्गन्ध का चमत्कारिक इलाज़ खासी- एक नीबू के रस मे एक रत्ती लीग का चूण मिलाकर थोडे पानी में घोलें और प्रति पाठ घटे प...
पौरुष बढाने में शहद का रामबाण उपयोग मधु वास्तव मे फूलो की मनमोहक सुगन्ध और रक्त वढाने वाली दुर्लभ तथा कीमती सामग्री का शरबत है । यह अमृत ह...
तैमूरलंग की कीमत दुनिया के कट्टर और खूखार बादशाहों में तैमूरलंग का भी नाम आता है। व्यक्तिगत महत्त्वाकांक्षा, अहंकार और जवाहरात की तृष्णा से...
धन्य है इस न्यायप्रियता को तक्षशिला के बौद्ध राजा आंभीक से स्वागत पाकर सिकंदर सुस्ताने के लिए तक्षशिला में ठहर गया। एक दिन सायंकाल वह घूमता...
क्रोध को जीतो चंडकौशिक ने प्रचंड तप तो किया पर उन्होंने क्रोध का शमन न किया। वह दुष्ट दुर्गुण उनमें ज्यों का त्यों बना रहा। एक दिन उनके पैर...
मेरी एक ही प्रार्थना है उन लोगों से जो मुझे प्रेम करते हैं,कि उनके प्रेम का एक ही सबूत होगा, कि वे मुझे क्षमा कर दें और मुझे सदा के लिए भूल जाएँ। भूल जाएँ मेरा नाम, भूल जाएँ मेरा पता, अपनी याद करें। हाँ, अगर कोई सत्य मुझसे प्रकट हुआ हो, तो सत्य को पी लें -- जी भर कर पी लें। लेकिन वह सत्य मेरा नहीं है। सत्य किसी का भी नहीं है। सत्य तो बस अपना है।उस पर कोई लेबल नहीं है, कोई विशेषण नहीं है। मै अपने पीछे कोई धर्म नहीं छोड़ जाना चाहता हूँ।
-ओशो