• Latest Posts

    प्रश्न--पार जाए तो पर है; इब जाए तो पार--यह कबीर का वचन है।

    If-you-go-beyond-it-then-it-is-If-you-go-then-it-is-the-word-of-Kabir


    प्रश्न--पार जाए तो पर है; इब जाए तो पार--यह कबीर का वचन है।

    ओशो--एक और कवि का, जिसका वचन मैंने आपको कहा। जो डूब गए वे धन्यभागी हैं। जीसस ने एक जगह कहा है कि तुमने अपने को बचाया, तो तुम मिट जाओगे। तुम अगर मिट सके, तो फिर तुम्हें कोई नहीं मिटा सकेगा। लाओत्से का एक वचन है। एक दिन अपने शिष्य से वह कह रहा है। शिष्य ने पूछा है कि आप कभी जिंदगी में हारे कि नहीं हारे? तो लाओत्से कह रहा है कि मुझे कोई कभी नहीं हरा सका। शिष्य ने पूछा, इसका सीक्रेट इसका राज? लाओत्से ने कहा, क्योंकि मैं हारा ही हुआ था, इसलिए मुझे कभी कोई नहीं हरा सका। उसी जीत मेरी ही जीत थी। तो उससे मैंने कहा, आओ मेरी कुर्सी पर बैठ जाओ। वह समझा की जीत गए और हम थे सहयोगी, हम उसके दुश्मन थे ही नहीं। हम लड़े ही नहीं कभी, तो हम हारते कैसे? हमने उसे जीताया था। और हम नहीं हारे इतने समग्र-भाव से। लाओत्से का शिष्य पूछता है, कभी आप कहीं अपमानित हुए? कहीं बाहर निकाले गए? तो लाओत्से कहता है, कभी नहीं। क्योंकि हम सदा उस जगह बैठे, जिसके पीछे और कोई जगह नहीं बचती थी। और बड़े लोगों को हमने निकाले जाते देखा, हमारी तरफ किसी ने ध्यान ही नहीं दिया। हम उस जगह बैठे थे, जहां जूते निकाले जाते थे। वहां हम बैठ गए थे। हमें कोई भगाता भी नहीं था, और हम बड़े मजे में थे। और हम बड़ों-बड़ों को मारते देखते थे, अपमानित होते देख रहे थे। और हम हंस रहे थे। जो मान खोजेगा, वह अपमानित हो जाएगा। हमने मान खोजा ही नहीं। हमने अपमान को ही मान समझ लिया पार्टीसिपेशन इतना कि अपमान को मान समझ लिया। फिर बहुत मुश्किल हो गयी।


    No comments