आरती श्री शारदा जी की
आरती श्री शारदा जी की
भुवन विराजी शारदा, महिमा अपरम्पार ।
भक्तों के कल्याण को धरो मात अवतार ॥
मैया शारदा तोरे दरबार आरती नित गाऊँ
नित गाऊँ मैया
मैया शारदा तोरे दरबार आरती नित गाऊँ-२ नित गाऊँ-२
मैया शारदा तोरे दरबार आरती नित गाऊँ-२
श्रद्धा को दीया प्रीत की बाती असुअन तेल चढ़ाऊँ
श्रद्धा को दियां प्रीत की बाती असुअन तेल चढ़ाऊँ।
दर्श तोरे पाऊँ मैया शारदा तोरे दरबार आरती नित गाऊँ-३
मन की माला आँख के मोती भाव के फूल चढ़ाऊँ
मन की माला आँख के मोती भाव के फूल चढ़ाऊँ ।
दर्श तोरे पाऊँ मैया शारदा तोरे दरबार आरती नित गाऊँ-३
बल को भोग स्वांस दिन राती कंधे से विनय सुनाऊँ
बल को भोग दर्श तोरे पाऊँ
मैया शारदा तोरे दरबार आरती नित गाऊँ-३
तप को हार कर्ण को टीका ध्यान की ध्वजा चढ़ाऊँ
तप को हार कर्ण को टीका ध्यान की ध्वजा चढ़ाऊँ ।
दर्श तोरे पाऊँ मैया शारदा तोरे दरबार आरती नित गाऊँ-३
माँ के भजन साधु सन्तन को आरती रोज सुनाऊँ
माँ के भजन साधु सन्तन को आरती रोज सुनाऊ ।
दर्श तोरे पाऊँ मैया शारदा तोरे दरबार आरती नित गाऊँ-३
सुमर - सुमर माँ के मैया शारदा तोरे
सुमर - सुमर माँ के जस गावें चरनन शीश नवाऊँ जस गावे चरनन शीश नवाऊँ ।
दर्श तोरे पाऊँ दरबार आरती नित गाऊँ
मैया शारदा तोरे दरबार आरती नित गाऊँ मैया शारदा तोरे दरबार आरती नित गाऊँ-३
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