आरती श्री कृष्ण जी की
आरती श्री कृष्ण जी की
ॐ जय श्री कृष्ण हरे, प्रभु जय श्री कृष्ण हरे।
भक्तन के दुख सारे पल में दूर करे।
परमानन्द मुरारी मोहन गिरधारी, जय रस रास बिहारी जय जय गिरधारी।
कर कंकन कटि सोहत कानन में बाला, मोर मुकुट पीताम्बर सोहे बनमाला।
दीन सुदामा तारे दरिद्रों के दुख टारे, गज के फन्द छुड़ाए भव सागर तारे।
हिरण्यकश्यप संहारे नरहरि रूप धरे, पाहन से प्रभु प्रगटे जम के बीच परे।
केशी कंस विदारे नल कूबर तारे, दामोदर छवि सुन्दर भगतन के प्यारे।
काली नाग नथैया नटवर छवि सोहे, फन-फन नाचा करते नागन मन मोहे।
राज्य उग्रसेन पाये माता शोक हरे, द्रुपद सुता पत राखी करुणा लाज भरे।
ॐ जय श्री कृष्ण हरे।
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