• Latest Posts

    मूली से विषैले डंक बिच्छू काटे का इलाज़

    Treatment of poisonous sting scorpion bite with radish


     मूली से विषैले डंक बिच्छू काटे का इलाज़ 

    पीलिया-मूली के हरे पत्तो और टहनियो के सवा-सौ ग्राम रस में तीस ग्राम शक्कर मिलाकर प्रात. सेवन करें, सब प्रकार के पीलिया के लिए अत्यन्त लाभप्रद है।

    दाद- मूली के बीज, पावलामार गधया और यदि या गग्गल प्रत्येक पन्द्रह ग्राम तथा नीला थोथा साठ ग्राम । सभी चीजो को बारीक करके सवा सौ ग्राम मूली के रस मे सरल करें और गोलिया बनाए । एक-एक गोनी मूली के रस मे घिमकर दाद पर लगाए, कुछ ही दिनो में दाद सत्म हो जाएगा।

    गुर्दे का दर्द-कलमी शोरा पन्द्रह ग्राम लेकर सवा-सौ ग्राम मूली के रम मे खरल करें और जगली वेर के बगवर गोलिया बना लें । एक गोली प्रात व साय पानी के साथ उपयोग करें।

    बवासीर-बढिया मूलियो का ऊपर मे छिलका माफ़ करके छोटेछोटे टुकडे कर लें । इन पर नमक और काली मिर्च (चूर्ण) छिटक पर बर्तन मे डालें और वर्तन का मुह वन्द करके कुछ दिन तक घूप में , प्रतिदिन हिलाते रहे । यह एक बटिया प्रचार है जो कि बटी हुई तिल्ली और बद मूत्र के लिए लाभदायक है।

    विषैला डंक-पागल कुत्ते के काटने पर मूली के पत्ते गर्म करके तुरन्त घाव पर वाघने से विप निर्जीव हो जाता है, परन्तु शर्त यह है कि विष अभी सारे शरीर मे न फैल गया हो।  विच्छू शारीरिक रुप मे जितना कमजोर है, पप्ट पहचाने मे उतना ही 'घातक है। जिसे भी डक मारता है घटो उसे तडपाता है, बल्कि किमी-किसी विच्छू के काटने से शरीर मारे दर्द के अकटने लगता है। मूली विच्छू की दुश्मन है। यदि विच्छ पर मूली का छिलका या मूली का रस टपका दिया जाए तो वह तुरन्त मर जाता है। यदि काटे हए स्थान मे विष निकालकर मूली का रस टपका दिया जाए तो दर्द व मूजन मे चैन पड जाती है।

    गले का घाव-गले के घाव की चिकित्मा करने के लिए मूली का रस और पानी दोनो बराबर मात्रा मे प्रावश्यकतानुसार नमक मिलाकर गरारे करें ।


    No comments