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    अदरक से बदहजमी का घरेलु रामबाण इलाज़

    home remedy for indigestion with ginger


    अदरक से बदहजमी का घरेलु रामबाण इलाज़ 

    अदरक प्राय दाल, माग-सब्जी और चटनी मे इस्तेमाल होता है । मूख जाने पर यह सोठ कहलाता है । अनेक रोगो मे इसका उपयोग निम्नलिखित ढंग से किया जाता है .

    खांसी-दमा-

    माठ ग्राम अदरक के रस मे साठ ग्राम मधु मिलाकर तनिक गर्म करके पी लें । सात दिन मे पाराम होगा।

    भूख न लगना-

    भूख ठीक तरह न लगती हो, पेट में वायु भा जाती हो, कब्ज रहती हो-अदरक को काट कर बहुत बारीक टुकडे कीजिये और नमक छिड़क कर एक दो ग्राम खाए। भूख अच्छी तरह लगेगी, वायु का । निकाम होगा और कब्ज खुलेगी।

    पाचनवद्धक चूर्ण-

    पाचन विकार ठीक करता है, मदाग्नि बढता है, चायु पीडा और खट्टी डकारो मे लाभदायक है। सोठ और अजवायन यावश्ययकतानुसार नीबू के इतने रस मे डालें कि दोनो चीजें तर हो जाए। इसे छाव मे खुश्क करके पीस लें और थोड़ा-मा नमक मिलाकर सुरक्षित रखें। दोनो समय चार रत्ती से एक ग्राम तक पानी के साथ सेवन करें।

    कान-दर्व-

    अदरक का रस पाच ग्राम, मधु दो ग्राम, सेंधा नमक एक रत्ती, तिल्ली का तेल दो ग्राम। पहले नमक और अदरक का रस मिला ___ लें। फिर सब मिलाकर अच्छी तरह हिलाए । थोढा गर्म करके मात-पाठ 'द फान मे डालें, कान का दर्द वद होगा।

    OF फ्लुएजा-

    चूर्ण मोठ पचास ग्राम, चूर्ण पिपली पच्चीस ग्राम पौर चूर्ण काकडा सीगी डेढ-सौ ग्राम---सब मिला लें। इफ्लुएजा की सासी को रोकने के लिए एक से दो ग्राम तक यह चूर्ण थोडे मधु के माथ चटाए । के-अदरक और प्याज का रम मिलाकर पीने मे के बन्द हो जाती है। .प्रावाज बैठना-अदरक का रस मधु मे मिलाकर चाटना चाहिए।

    नजला-जुकाम-

    अदरक छीलकर बारीक-बारीक काट लें और कडाही मे घी डालकर इसमे भूनें । तत्पश्चात् अदरक को बराबर बजन की चाशनी में डालें और पकाए । जब खूब पक जाए तो सोठ, सफेद जीग, काली मिर्च, नाग केसर, जावित्री, बड़ी इलायची, तज, पतरज, पीपल, धनिया, काला जीरा, पीपलामोल और वाटिंग-प्रत्येक अदरक का वारहवा भाग लेकर कूट-छानकर मिलाए ।

    सेवन-विधि-पाठ ग्राम से लेकर पन्द्रह ग्राम तक मेवन करें। जकाम व नजले में गुणकारी है। ठण्ड के कारण आवाज़ बैठ जाए तो इसे खोलती है, दम फूलने की शिकायत इसके सेवन से दूर हो जाती है, भूग खूब लगती है, पेट के दर्द और वायु के लिए लाभकारी है।

    पसली का दर्द-

    मोठ तीस ग्राम मोटी-मोटी कूटकर तिहाई किलो णनी में प्राध घटे तक पकाए और छान लें। तीन-तीम ग्राम यह काढा तीनतीन घटे पश्चात् चार वार पिलाए पसली के दर्द का यह सास इलाज है।

    सग्रहणी, मरोड, बदहजमी-चूर्ण 

    सोठ पचास ग्राम, चूर्ण सौंफ पचास ग्राम, चूर्ण हरड पचास ग्राम, चीनी पिसी हुई डेढ सौ ग्राम। बदहजमी के दस्त, सग्रहणी, मरोड और पाचन की कमजोरी मे एक से तीन ग्राम तक दिन में दो बार दें।

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