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    ज्योतिष से जानिए बुध के अनिष्ट प्रभाव के निवारण उपाय

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    ज्योतिष से जानिए बुध के अनिष्ट प्रभाव के निवारण उपाय 

    जिसकी जन्मलग्न वृष है और उसकी कुंडली के छठे घर में (तुला राशि) शुक्र और शनि है। सूर्य और बुध चौथे घर में है और राह मंगल आठवें घर में है, तो ऐसे शख्स को हर्निया और गुर्दो की शिकायत जरूर होगी। क्योंकि कुंडली में छठी राशि और उसका मालिक बुध और छठा घर और उसका मालिक शुक्र यानी छह संख्या वाले अंग के सभी प्रतिनिधि पीड़ित हैं।

    कन्या राशि सूर्य और शनि के पाप मध्यत्व द्वारा उसका मालिक राहु द्वारा दृष्ट होने की वजह से और छठा घर और उसका मालिक शनि और केतु के प्रभाव (अ सर) में होने की वजह से। तो ऐसी हालत में छठी राशि और छठे घर के मालिकों को ताकतवर (बलवान्) करना फायदेमंद होगा।

    शुक्र को तो हीरा पहनकर बलवान् करें और बुध को बलवान् करने के लिए पन्ना फायदेमंद रत्न साबित होगा। इस प्रक्रिया से शरीर का छठा अंग दृढ़ और स्वस्थ होता है। बुध ग्रह के बारे में हम एक बात और बताते हैं। अगर किसी बालक की लग्न वृष है और उसके बुध पर शनि तथा राहु का असर पड़ने की वजह से उसका मन लिखने-पढ़ने में नहीं लग रहा, तो ऐसी हालत में दूसरा विद्या के घर का मालिक तथा विद्या के कारण बुध का बलवान् किया जाना जरूरी होगा। इसके लिए बालक को पन्ना पहनवाना चाहिए।

    जब किसी जन्मकुंडली में बुध तीसरें घर का मालिक होकर अथवा आठवें घर का मालिक होकर पाप ग्रहों से दुःखी हो तो यह योग अकाल मृत्यु तक दे देता है, इसलिए ऐसी हालत में बुध को बलवान् करने के लिए जहाँ पन्ना पहनना चाहिए, वहीं श्री दुर्गा जी की पूजा आदि करना भी लाभदायक होगा। यहाँ यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि अगर ग्यारहवां अथवा चौथे घर का मालिक होकर वुध बहुत दुःखी (पीड़ित) हो तो पिता को अकाल मृत्यु दे सकता है।

    बुध शरीर की त्वचा का कारक भी है। जब यह ग्रह सूर्य, चन्द्र अथवा लग्न के साथ मिलकर बैठ जाता है तो त्वचा का पूरी तरह से प्रतिनिधि बन जाता है। ऐसे बुध पर अगर राहु, शनि वगैरा बीमारियाँ देने वाले ग्रहों का असर हो तो त्वचा के अनेक रोग पैदा हो जाते हैं। ऐसी हालत में बुध किसी भी घर में पड़ा हो तो उसका बलवान् किया जाना बहुत जरूरी है। बलवान् करने के लिए पन्ना पहनना लाभदायक है। पन्ना पहनने से बुध बलवान् हो जाता है और त्वचा की बीमारियों से छुटकारा मिल जाता है।

    यहाँ चन्द्र को बलवान् करने से और भी जल्दी फायदा होता है। इसके लिए चाँदी की अंगठी में मोती लगवाकर पहनना चाहिए। अगर किसी का बुध और चन्द्र पीड़ित हो और साथ ही पहले, चौथे व पांचवें घर के मालिक भी मदे हों तो उन्माद जैसी बीमारी हो जाती है। इसके लिए हीरा पहना जाना ही फायदेमंद रहता है।

    दूसरे घर का स्वामी और बुध दोनों छठे घर में मौजूद हों और उन पर राहु तथा शनि की दृष्टि आदि द्वारा प्रभाव हो तो इसका मतलब है यह होगा कि वाणी के दो प्रतिनिधि दूसरे घर का मालिक और बुध दोनों शनि तथा राहु द्वारा दुःखित हैं। इसका फल यह होगा कि जातक की वाणी (आवाज) में रुक-रुककर बोलना अथवा बोलने की ताकत को कदाचित् खो देना होगा। ऐसी हालत में दूसरे घर के मालिक और बुध दोनों को ऊपर बताए तरीके से बलवान किया जाना जरूरी होगा।

    'बुध जब अपनी मौजूदगी से अनिष्ट कर रहा हो तो कौडियों को जलाकर उनकी राख को उसी दिन दरिया में बहा दें या तांबे के पैसे में सूराख करके दरिया में डाल दें। बुध से संबंधित दान की वस्तु है साबुत मुंग तथा इसको बलवान् करने के लिए रत्न पन्ना है। बुध का देवता दुर्गा जी हैं। जब बुध अनिष्टकारी फल कर रहा हो, तो दुर्गा सप्तशती का पाठ कराना चाहिए। दुर्गाजी का पूजन भी करें। जिसका बुध अनिष्टकारी हो, उसको अपनी नाक का छेदन कराना लाभकारी होगा।

    इसी तरह फिटकरी से दांत साफ करना और लड़कियों की पूजा/सेवा करना भी लाभप्रद रहेगा। अगर बुध के अनिष्टकारी होने की वजह से कोई बीमारी हो रही हो तो फोका कद्दू (जो हलवाई लोग मिठाई बनाने में काम में लाते है) धर्म स्थान में दान देना चाहिए।

    बुध यदि लग्न में स्थित होकर अनिष्टकारी सिद्ध हो रहा हो तो उसका अनिष्ट प्रभाव मंगल पर जो कि लग्न की प्राकृतिक राशि मेष का स्वामी है, इसलिए मंगल की वस्तुओं का दान देना लाभप्रद रहेगा।
    बुध को दान की वस्तुओं में बकरी भी शामिल है, यानी बकरी के दान से भी बुध का अनिष्टकारी प्रभाव शांत हो जाता है। 

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