दूध का गिलास
दूध का गिलास
उत्तर भारत में सोने से पहले दूध पीने की आदत बहुत लोगों में है. पति देवता क्लब से देर से लौटते थे. इसलिए उनके हिस्से का दूध उनकी पत्नी गिलास में सुरक्षित रख अपने हिस्से का दूध पी लेती थी अन्यथा वे साथ साथ पीते थे.
एक दिन पति महोदय को बहुत विलंब हो गया तो पत्नी अपना दूध का गिलास लेने आई और उसे पीने जा रही थी कि उसने देखा कि उनके पति के दूध के गिलास में बिल्ली भोग लगा रही है. जब तक वह उसे भगाती, गिलास खाली हो चुका था.
पतिपरायणा पत्नी ने स्वयं दूध नहीं पिया और अपना गिलास अपने पति के लिए सुरक्षित रख दिया.
पतिदेव घर आए तो उन्होंने पत्नी से पीने के लिए दूध का गिलास मांगा. उनके बीच का संवाद नीचे दोहे में पढ़ें :-
तिय बोली पिय के कहत – “दूध कहाँ ? दै देऊ।”
" तुम्हरौ तौ बिल्ली पियो, पिय! हमरौ पी लेऊ । ।"
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