एक मच्छर और गहरी नींद
एक मच्छर और गहरी नींद
एक रात को संतासिंह सो रहे थे कि एक मच्छर उनके कान के पास आया और गुनगुन करने लगा। इससे संतासिंह की नींद खुल गई। फिर जैसे ही वो सोने की कोशिश करते मच्छर उनके कान के पास आवाज करने लगता। संतासिंह को बहुत गुस्सा आया और उन्होंने मच्छर को लिया। मच्छर मर गया लेकिन उसमें से खून नहीं निकला। संतासिंह बोले- सो जा मच्छर बेटे, सो जा।
थोडी देर बाद उन्हें लगा कि मच्छर गहरी नींद में सो चुका है तो वे उसके पास गए और उसके कान के पास जाकर बोले- गुननननन - गुनननन ।

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