दार्शनिक और दर्शन
दार्शनिक और दर्शन
एक व्यक्ति अपने दार्शनिक मित्र के साथ प्रकृति का आनंद लेने जंगल में गया। रात को टेंट लगाकर दोनों सो गए। आधी रात को उस व्यक्ति ने दार्शनिक को जगाया और बोला- मित्र, तुम्हें कुछ दिखाई दे रहा है?
दार्शनिक ने कहा- मुझे आकाश में सुंदर चाँद और लाखों तारे दिखाई दे रहे हैं, ठंडी बयार चल रही है.... |
मित्र- 'और क्या देख रहे हो?
दार्शनिक- 'और देख रहा हूँ कि ईश्वर कितना दयालु है। उसने हमारे लिए कितनी सुंदर प्रकृति बनाई है...।
मित्र- 'अरे यार, तुम्हें यह दिखाई नहीं देता कि हमारा टेंट चोरी हो गया है।
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