Friday, June 20.
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    दो बार पाप

     

    sin-twice

    दो बार पाप


    लूसी एक शरीफ और सात्विक विचारों वाली अध्यापिका थी। एक बार वह किसी रिश्तेदार के यहाँ शादी में गई । वहाँ एक युवक से उसकी कुछ ऐसी घनिष्ठता हुई कि उनमें एक रात, 'ऐसा-वैसा भी हो गया ।

    उसके तुरंत बाद लूसी रोने लगी- हाय ! अब मैं अपनी कक्षा के बच्चों के सामने, इस तरह दो बार पाप करने के बाद कैसे जाऊँगी ?

    युवक ने हैरानी से कहा- दो बार ? लूसी बोली- और क्या ! अभी तुम दोबारा भी तो करोगे ना ?


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