नैसर्गिक प्रक्रिया
नैसर्गिक प्रक्रिया
एक आदमी नाई की दुकान पर दाढ़ी बनवाने गया. जब नाई उसके चेहरे पर ब्रुश से बढ़िया क्रीम से उतना ही बढ़िया झाग बना रहा था तो उस आदमी ने अपने चेहरे के पिचके गालों की ओर इशारा करते हुए बोला - मेरे गालों के इस गड्ढे के कारण दाढ़ी बढ़िया नहीं बन पाती और कुछ बाल छूट जाते हैं.
कोई बात नहीं - नाई आगे बोला - मेरे पास इसका इलाज है. उसने पास के दराज में से लकड़ी की एक छोटी सी गोली निकाली और उसे देते हुए बोला - इसे अपने मुंह में मसूढों और गाल के बीच रख लो.
उस आदमी ने वह गोली मुंह में रख ली जिससे उसका गाल फूल गया और नाई ने उसकी अब तक की सबसे शानदार, सबसे बढ़िया दाढ़ी बनाई.
यदि यह गोली गलती से पेट में चली जाए तो? उस आदमी ने कठिनाई से बोलते हुए पूछा. गोली उसके मुँह में ही फंसी हुई थी.
कोई बात नहीं- नाई बोला- कल लेते आना. जैसे कि बहुत से लोग अब तक लेते आए हैं.
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