• Latest Posts

    आचार्य चाणक्य से जानिए, किस प्रकार के लोगों के लिए पृथ्वी ही नर्क सामान हो जाती है

     आचार्य चाणक्य से जानिए, किस प्रकार के लोगों के लिए पृथ्वी ही नर्क सामान हो जाती है

     आचार्य चाणक्य से जानिए, किस प्रकार के लोगों के लिए पृथ्वी ही नर्क सामान हो जाती है

    चाणक्य नीति मौर्यकाल के महान आचार्य चाणक्य का नीति ग्रंथ है। इस ग्रंथ में मानव कल्याण के लिए सरल और बेहद कारगर सुझाव दिए गए हैं। ये सुझाव सूत्रात्मक शैली में और संस्कृत भाषा में दिए गए हैं। चाणक्य नीति में सैद्धांतिक पक्ष की बजाय व्यावहारिक पक्ष पर अधिक बल दिया गया है। चाणक्य नीति शास्त्र में यह बताया गया है कि मनुष्य को सदैव चार चीज़ों दूर रहना चाहिए। ये चार चीजें इस प्रकार हैं

    आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में एक श्लोक लिखा है जिसमें चरित्रहीन स्त्री, कपटी मित्र, जवाब देने वाला नौकर और सांप के निवास वाले घर से सदैव दूर रहने के लिए कहा गया है। यह श्लोक इस प्रकार है-

    दुष्टा भार्या शठं मित्रं भृत्यश्चोत्तरदायक:।
    स-सर्पे च गृहे वासो मृत्युरेव न संशय:।। 

     
    ऊपर लिखे श्लोक का अर्थ है- दुष्ट स्वभाव वाली, कड़वा बोलने वाली, बुरे चरित्र वाली स्त्री, नीच और कपटी मित्र, पलटकर जवाब देने वाला नौकर और सांप वाला घर इन चारों के साथ रहने पर मृत्यु के समान कष्ट प्राप्त होता है।

    आचार्य चाणक्य का मानना है कि जिस स्त्री का चरित्र ठीक न हो, जिसका स्वभाव दुष्ट हो ऐसी स्त्री से सदैव दूर ही रहना चाहिए। क्योंकि ऐसी स्त्री स्वर्ग से सुंदर घर को तबाह कर देती है। ऐसी स्त्री का पति उसके स्वभाव को देखकर घुटघुट कर मरता है। ऐसी स्त्री को कभी भी अपना जीवनसाथी नहीं बनाना चाहिए।

    हमारा मित्र हमारे लिए सबसे अधिक विश्वासनीय होता है। इसी भाव के चलते हम अपने मित्रों से अपने कई रहस्यों को भी साझा करते हैं। लेकिन यदि कपटी मित्र हो तो वह हमारे लिए सबसे बड़ा शत्रु होता है। उसके द्वारा दिया जाने वाला धोखा हमारे लिए सबसे बड़ा विश्वासघात होता है, जो कई बार हमारे लिए असहनीय हो जाता है। ऐसे मित्रों से तुंरत ही तौबा कर लेनी चाहिए।

    घर में नौकर रखना अपने आप में संपन्नता को दर्शाता है। जिन लोगों के नौकर सामने से जवाब देते हैं, मालिक का आदर नहीं करते उन्हें तुरंत हटा देना चाहिए। क्योंकि ऐसे नौकर अपने मालिक को कभी भी नुकसान पहुंचा सकते हैं।

    आचार्य चाणक्य के मुताबिक जिस घर में सांप का वास हो यानि जिस घर में अक्सर सांप दिखाई देते हैं। वहां रहने पर भी सर्पदंश से मृत्यु का भय हमेशा ही बना रहता है। अत: ऐसे घर को तुंरत छोड़ देना चाहिए।


    No comments