• Latest Posts

    आचार्य चाणक्य से जाने, किसी व्यक्ति को परखने के 4 गुण

     आचार्य चाणक्य से जाने, किसी व्यक्ति को परखने के 4 गुण

     आचार्य चाणक्य से जाने, किसी व्यक्ति को परखने के 4 गुण

    आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में कई तरह की नीतियां बनाई हैं, जिसका पालन करने पर सफल और सुखी जीवन जीया जा सकता है। अगर हम इनके द्वारा बनाई गई नीतियों को सही तरह से पालन करें तो जीवन में कई परेशानियों से मुक्ति पा सकते हैं। आज हम आपको आचार्य चाणक्य के द्वारा बनाई गई एक ऐसी ही नीति के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका पालन करने पर किसी व्यक्ति को सही तरीके से परख जा सकता है।

    आचार्य चाणक्य की एक नीति के अनुसार-

    यथा चतुर्भि: कनकं परीक्ष्यते निघर्षणं छेदनतापताडनै:।
    तथा चतुर्भि: पुरुषं परीक्ष्यते त्यागेन शीलेन गुणेन कर्मणा।।


    इस नीति में बताया गया है कि अगर आपको सोने की परख करनी है तो इसके लिए चार तरीके हैं- सोने को रगड़ कर देखा जाय। इसे काटा जाय। आग में तपा कर इसकी शुद्धि की जांच की जाय या फिर पीट कर देखा जाय। अगर सोने में मिलावट होगी तो इन चार तरीकों की जांच से पता चल जाएगा कि सोने में मिलावट है। ठीक इसी तरह से किसी व्यक्ति को परखने के लिए भी चार बातों का ध्यान रखना चाहिए।

    पहली बात- त्याग भावना

     उस व्यक्ति पर भरोसा करना चाहिए जो अपने सुखों का त्याग दूसरों को सुख पहुंचाने के लिए करता हो। जो व्यक्ति दूसरों के सुख के लिए अपने सुखों का त्याग करे उस पर भरोसा किया जा सकता है।

    दूसरी बात-अच्छी मंशा रखने वाले लोग

    जो लोग किसी दूसरे के बारे में गलत मंशा नहीं रखते हैं, उन पर भरोसा किया जा सकता है।

    तीसरी बात- गुणों की तुलना

    आचार्य चाणक्य ने कहा है कि जिन लोगों में क्रोध, आलस्य, स्वार्थ औ घंमड जैसे अवगुण होते हैं, उन पर भरोसा नहीं करना चाहिए। जो सच का साथ देता हो उस पर ही विश्वास करना चाहिए।

    चौथी बात- कर्म

    जो व्यक्ति झूठ बोलकर पैसा कमाता हो, उस पर कभी भी विश्वास नहीं करना चाहिए। ऐसे व्यक्ति का चरित्र सिर्फ ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाने पर जोर रहता है इसके लिए वह असत्य का साथ देता रहता है। अच्छे कर्म कर पैसा कमाने वालों पर विश्वास रखना चाहिए।

    No comments