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    महात्मा विदुर के अनुसार वो 4 गुण जो आपको संसार में सबसे सुखी बनाते हैं

    महात्मा विदुर के अनुसार वो 4 गुण जो आपको संसार में सबसे सुखी बनाते हैं

     महात्मा विदुर के अनुसार वो 4 गुण जो आपको संसार में सबसे सुखी बनाते हैं

    महाभारत काल के महान दार्शनिक विदुर ने मानव कल्याण के लिए कई सिद्धांतों का प्रतिपादन किया है, जिसे विदुर नीति के नाम से जाना जाता है। वे धृतराष्ट्र के सौतेले भाई और एक दासी के पुत्र थे। विदुर नीति में जहां युद्ध की रणनीति और राजनीति है वहीं इसमें ऐसे नियम भी हैं जो आम लोगों के जीवन के लिए प्रासंगिक हैं। महात्मा विदुर ने श्लोक के जरिए मनुष्य के सुखी जीवन का सार बताने की कोशिश की है। ये श्लोक इस प्रकार है -


    एको धर्म: परम श्रेय: क्षमैका शान्तिरुक्तमा।
    विद्वैका परमा तृप्तिरहिंसैका सुखावहा ॥

             
    अर्थात इस श्लोक में महात्मा विदुर ने बताया है कि जो व्यक्ति हमेशा धर्म की राह पर चलता है तो वह कभी कुछ बुरा नहीं कह सकता। इसका मतलब यह है कि अगर आपको जीवन में सुख-शांति चाहिए तो धर्म की राह पर चलें। इससे ना सिर्फ आपका भला होगा बल्कि दूसरों का भी कल्याण होगा।

    क्षमा करना सर्वश्रेष्ठ उपाय

    जो भी व्यक्ति सफल होता है वह अपने जीवन में खूब गलतियां करता है। लेकिन समझदार व्यक्ति वह होता है जो गलती को क्षमा कर जीवन में आगे बढ़ जाता है। किसी की गलती पर मन में गांठ बांध लेने से हमेशा संबंध खराब होते हैं और आप खुद के साथ-साथ दूसरों को भी दुखी रखते हैं। लेकिन क्षमा भाव सर्वोच्च होता है।

    ज्ञान संतोषकारी होता है

    व्यक्ति का सबसे बड़ा ज्ञान ही उसका धन है। ऐसे व्यक्ति जो किसी लालच के बिना अपने ज्ञान से ही हमेशा संतोष करते हैं तो संसार में उनसे ज्यादा कोई सुखी नहीं है। ज्ञान होने पर ही व्यक्ति सुखी जीवन व्यतीत करता है। अज्ञानता अंधकार के सामने है।


    अहिंसा के पथ पर चलें

    जो व्यक्ति हमेशा शांति के साथ अहिंसा की राह पर चलता हुए अपना जीवन व्यतीत करता है, वह सबसे सुखी रहता है। ऐसे व्यक्ति का जीवन हमेशा प्रेम भाव के साथ-साथ अच्छे कामों में व्यतीत होता है।

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