• Latest Posts

    आत्म-कल्याण ही मनुष्य जीवन का सच्चा लक्ष्य है

    Self-welfare-is-the-true-goal-of-human-life


    आत्म-कल्याण ही मनुष्य जीवन का सच्चा लक्ष्य है

    एक नवयुवक एक सिद्ध महात्मा के आश्रम में आया करता था। महात्मा उसकी सेवा से प्रसन्न हो बोले-"बेटा! आत्म-कल्याण ही मनुष्य जीवन का सच्चा लक्ष्य है इसे ही पूरा करना चाहिए।" यह सुन युवक ने कहा-"महाराज! वैराग्य धारण करने पर मेरे माता-पिता कैसे जीवित रहेंगे? साथ ही मेरी युवा पत्नी मुझ पर प्राण देती है वह मेरे वियोग में मर जाएगी।" महात्मा बोले-"कोई नहीं मरेगा बेटा! यह सब दिखावटी प्रेम है। तू नहीं मानता तो परीक्षा कर ले।" युवक राजी हो गया तो महात्मा ने उसे प्राणायाम करना सिखाया और बीमार बनकर साँस रोक लेने का आदेश दिया। युवक ने घर जाकर वही किया। बड़े-बड़े वैद्यों को चिकित्सा हुई परंतु दूसरे दिन ही उसने साँस रोक ली। घर वाले उसे मरा समझ हो-हल्ला मचाने और पछाड़ें खाने लगे। पड़ोस के बहुत से लोग इकट्ठे हो गए।

    तभी महात्मा भी वहाँ जा पहुँचे और युवक को देखकर उसकी गुण गरिमा का बखान करते हुए बोले-"हम इस लड़के को जीवित कर देंगे, परंतु तुम्हें कुछ त्याग करना पड़ेगा।" घर वाले बोले-"आप हमारा सारा धन, घर-बार, यहाँ तक कि प्राण भी ले लें, परंतु इसे जीवित कर दें।" महात्मा बोले-"एक कटोरा दूध लाओ।" तुरंत आज्ञा का पालन किया गया। महात्मा ने उसमें एक चुटकी राख डालकर कुछ मंत्र सा पढ़ा और बोले-"जो कोई इस दूध को पी लेगा वह मर जाएगा और यह लड़का जीवित हो जाएगा।" अब समस्या यह थी कि दूध को कौन पीवे। माता-पिता बोले-"कहीं न जिया तो एक जान और गई। यदि हम रहेंगे तो पुत्र और हो जाएगा।" पली बोली-"इस बार जीवित हो जाएँगे तो क्या है, फिर कभी मरेंगे। मरना तो पड़ेगा ही। इनके न रहने पर मायके में सुख से जिंदगी काट लूंगी।" रिश्तेदार बगलें झाँकने लगे और पड़ोसी तो पहले ही नदारद हो गए। तब महात्मा ने कहा-"अच्छा, मैं ही इस दूध को पिए लेता हूँ।" तो सभी प्रसन्न होकर बोले-"हाँ महाराज! आप धन्य हैं। साधु-संतों का जीवन ही परोपकार के लिए है।" महात्मा ने दूध पी लिया और युवक को झकझोरते हुए बोले"उठ बेटा! अब तो तुझे पूरी तरह ज्ञान हो गया कि कौन तेरे लिए प्राण देता है?"युवक तुरंत उठ पड़ा और महात्मा के चरणों में गिर पड़ा। घर वालों के बहुत रोकने पर भी वह महात्मा के साथ चला गया और सांसारिक मोह त्यागकर आत्मकल्याण की साधना करने लगा।

    No comments